Aakhan-Jatra-in-Jharkhand.-Kudmi-Search-For-Bride-Starts. आखाइन जात्रा किसानों के लिए है खास, आज से कृषि की होती है शुरुआत.
आखाइन जात्रा में कुडमी समुदाय करते है दुल्हन ढूँढने की शुरुआत.
पौष माह में मकर संक्रांति के बाद के दिन आखाइन जात्रा मनाया जाता है, जिसमे किसान अपने खेतों में हलपूना कर कृषि कार्य की शुरुआत करते हैं. आखाइन जात्रा को किसान खेती के लिए शुभ दिन मानते हैं. मान्यता है कि इस दिन खेतों में हल चलाने से अच्छी फसल मिलती है.
आखाइन जात्रा के महत्व को समझने के लिए हमने
राजनगर के किसान दिनेश महतो से बात की, उन्होंने बताया कि इसी दिन सभी किसान अपने-अपने खेतों में हल पुन्हा कर कृषि कार्य शुरुआत करते हैं.
मान्यता है कि इस दिन खेतों में हल चलाने से अधिक पैदवार होती है. इसलिए आखान यात्रा को किसान सुभ मानते है और खेत में हल जोत कर कृषि कार्य की शुरुआत करते हैं. किसान खेतों से लौटने के बाद घर की महिलाएं बैलों का पैर धोकर स्वागत करती हैं एवं बैलों के सिंग में तेल लगाकर आशीर्वाद ग्रहण करती हैं, उसके बाद महिलाएं अपने पति का पैर धोकर प्रणाम करती हैं. सभी लोग घर-घर जाकर बड़े बुजुर्गों को प्रणाम कर आशीष लेते हैं.
तथा अभिवादन करते हैं. साथ ही घर के सभी पुरुषों का पैर धोकर बड़ों को प्रणाम एवं छोटे को आशीर्वाद देकर पूरे वर्ष सभी लोगों के साथ प्रगाढ़ संबंध बना रहे यही कामना करते हैं. कुड़मी जाती का आज के दिन से ही नया घर का भूमि पूजन भी किया जाता है. साथ ही नये साल में विवाह के लिये आज से लड़का के लिए उसका जीजा के द्वारा लड़की देखा का भी प्रारंभ किया जाता है.